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Sunita Williams: The story of an inspiring astronaut

 

Sunita Williams

Sunita Williams: The story of an inspiring astronaut | सुनीता विलियम्स: एक प्रेरणादायक अंतरिक्ष यात्री की कहानी 

परिचय

सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री हैं, जिन्होंने अपने अद्वितीय अंतरिक्ष अभियानों के जरिए दुनिया भर में ख्याति प्राप्त की है। वह न केवल एक बेहतरीन अंतरिक्ष यात्री हैं, बल्कि उनका जीवन संघर्ष, मेहनत और प्रेरणा से भरपूर रहा है। इस लेख में हम उनके जीवन, उपलब्धियों और कुछ अनसुनी कहानियों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।


प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

सुनीता विलियम्स का जन्म 19 सितंबर 1965 को अमेरिका के ओहायो राज्य में हुआ था। उनके पिता दीपक पांड्या भारतीय मूल के थे और उनकी माँ बोनी पांड्या स्लोवेनियाई मूल की थीं। उनके माता-पिता ने उन्हें मेहनत और आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाया, जो बाद में उनके करियर में महत्वपूर्ण साबित हुआ।

उन्होंने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और इसके बाद अमेरिकी नौसेना में शामिल हो गईं। वहीं से उन्होंने पायलट बनने की ट्रेनिंग ली और बाद में NASA में एक अंतरिक्ष यात्री के रूप में चयनित हुईं।


अंतरिक्ष में सफर और रिकॉर्ड

सुनीता विलियम्स ने दो बार अंतरिक्ष की यात्रा की है। पहली बार 9 दिसंबर 2006 को वे ‘STS-116’ मिशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) गईं और वहाँ 195 दिनों तक रहीं। यह किसी भी महिला अंतरिक्ष यात्री के लिए उस समय का सबसे लंबा मिशन था।

दूसरी बार वे 14 जुलाई 2012 को ‘Expedition 32’ के तहत ISS गईं और 127 दिनों तक वहाँ रहीं। इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण प्रयोग किए और स्पेसवॉक (अंतरिक्ष में चहलकदमी) के कई रिकॉर्ड बनाए।

उनका सबसे प्रसिद्ध रिकॉर्ड महिलाओं द्वारा किए गए स्पेसवॉक की कुल अवधि का था, जो लगभग 50 घंटे और 40 मिनट का था। हालांकि बाद में यह रिकॉर्ड अन्य महिला अंतरिक्ष यात्रियों ने तोड़ दिया, लेकिन सुनीता की उपलब्धियां अब भी प्रेरणादायक बनी हुई हैं।

सुनीता विलियम्स: क्यों बनी हुई हैं चर्चा का केंद्र?

भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स इन दिनों सुर्खियों में हैं। उनके नाम कई अंतरिक्ष मिशनों का अनुभव दर्ज है, लेकिन इस बार वह बोइंग स्टारलाइनर मिशन में देरी के कारण चर्चा में बनी हुई हैं।

अंतरिक्ष में तय समय से ज्यादा रहना पड़ा

सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर को जून 2024 में ISS (अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन) भेजा गया था। यह मिशन केवल 8 दिनों का होना था, लेकिन तकनीकी दिक्कतों की वजह से उनकी पृथ्वी वापसी अब तक संभव नहीं हो पाई है।

स्पेस में क्रिसमस और लंबा इंतजार

अपनी निर्धारित वापसी की तारीख से महीनों आगे बढ़ चुके इस मिशन के कारण सुनीता और उनकी टीम को अंतरिक्ष में क्रिसमस भी मनाना पड़ा। नासा की योजना के अनुसार, अब उनकी मार्च 2025 के अंत तक पृथ्वी पर वापसी की संभावना है।

क्या कह रही है नासा?

नासा और स्पेसएक्स उनकी सुरक्षित वापसी की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। हालांकि, देरी के बावजूद वे दोनों स्वस्थ और सुरक्षित हैं। नासा के अनुसार, यह मिशन भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए कई नई सीख प्रदान करेगा।


अनसुनी कहानियाँ: सुनीता विलियम्स के जीवन के कुछ रोचक पहलू

1. गंगा जल और भगवद गीता अंतरिक्ष में

जब सुनीता विलियम्स पहली बार अंतरिक्ष में गईं, तो उन्होंने अपने साथ गंगा जल और भगवद गीता लेकर जाने का फैसला किया। उनका मानना था कि ये दोनों चीजें उन्हें मानसिक शांति देंगी और धरती से जुड़े रहने का एहसास कराएँगी। यह भारतीय संस्कृति से उनके गहरे जुड़ाव को दर्शाता है।

2. डॉग लवर सुनीता

बहुत कम लोग जानते हैं कि सुनीता विलियम्स को कुत्तों से बेहद प्यार है। उनके पास एक पालतू कुत्ता था, जिसका नाम ‘गोरबी’ था। उन्होंने अपने कई इंटरव्यू में कहा कि उन्हें अपने पालतू जानवरों की बहुत याद आती थी जब वे अंतरिक्ष में होती थीं।

3. अंतरिक्ष में मैराथन दौड़ने वाली पहली महिला

2007 में जब सुनीता अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में थीं, तब उन्होंने वहां रहते हुए बोस्टन मैराथन में भाग लिया। यह एक ऐतिहासिक क्षण था क्योंकि उन्होंने माइक्रोग्रैविटी (शून्य गुरुत्वाकर्षण) में ट्रेडमिल पर दौड़कर इस मैराथन को पूरा किया।

4. माता-पिता का संघर्ष और प्रेरणा

सुनीता के पिता दीपक पांड्या बचपन में भारत से अमेरिका गए थे। उन्होंने खुद कठिन परिस्थितियों में पढ़ाई की और डॉक्टर बने। उन्होंने हमेशा अपनी बेटी को सपने देखने और उन्हें पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया। सुनीता मानती हैं कि उनके माता-पिता ने उन्हें कभी हार न मानने की प्रेरणा दी।


सुनीता विलियम्स के लिए प्रेरणादायक कथन

  • "कोई भी सपना छोटा नहीं होता, और कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता। मेहनत, समर्पण और अनुशासन आपको किसी भी ऊंचाई तक ले जा सकते हैं।"
  • "अपने डर से मत डरो, बल्कि उसका सामना करो। डर सिर्फ एक भ्रम है, जो केवल आपकी सोच में होता है।"


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रश्न 1: सुनीता विलियम्स कितनी बार अंतरिक्ष में गई हैं?
उत्तर: वह दो बार अंतरिक्ष में जा चुकी हैं - पहली बार 2006 में और दूसरी बार 2012 में।

प्रश्न 2: क्या सुनीता विलियम्स भारतीय नागरिक हैं?
उत्तर: नहीं, वह अमेरिकी नागरिक हैं लेकिन उनके पिता भारतीय मूल के हैं।

प्रश्न 3: सुनीता विलियम्स का सबसे बड़ा रिकॉर्ड क्या है?
उत्तर: उन्होंने स्पेसवॉक (अंतरिक्ष में चहलकदमी) में 50 घंटे 40 मिनट का रिकॉर्ड बनाया था, जो उस समय महिलाओं के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी।

प्रश्न 4: क्या सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष में कोई भारतीय चीज़ें ले जाई थीं?
उत्तर: हां, उन्होंने गंगा जल और भगवद गीता अपने साथ अंतरिक्ष में ले गई थीं।

प्रश्न 5: सुनीता विलियम्स का अगला मिशन क्या है?
उत्तर: NASA ने उन्हें Boeing Starliner मिशन के लिए चुना है, जो एक नई पीढ़ी का अंतरिक्ष अभियान होगा।


निष्कर्ष

सुनीता विलियम्स न केवल एक अद्भुत अंतरिक्ष यात्री हैं, बल्कि वह लाखों लोगों के लिए प्रेरणा भी हैं। उनकी जीवन यात्रा हमें सिखाती है कि कोई भी सपना बड़ा नहीं होता और कड़ी मेहनत से सब कुछ संभव किया जा सकता है। भारतीय मूल की इस महिला ने अंतरिक्ष में अपना नाम रोशन किया और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल कायम की।

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