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Do what you love - Brad Pitt | जिस काम में मजा आए उसे ही प्रोफेशन बना लें तो होंगे सफल - ब्रैड पिट

बचपन से ही फिल्मों से प्यार था। गर्मियों की शामों में माता-पिता मुझे ड्राइव-इन थिएटर में ले जाते थे । हम कार की छत पर बैठकर फिल्में देखते थे। ये फिल्में अक्सर क्लिंट ईस्टवुड की हुआ करती थीं। मेरे पिता हर मशहूर फिल्म देखते थे तो उनके साथ ही वह मुझे भी देखने को मिलती थीं। शायद, यहीं से मुझे फिल्मों से प्यार हुआ। कुछ समझना हो तो फिल्में मुझे ज्यादा अच्छे से समझा पाती थीं। जिस काम में मजा आता है उसे प्रोफेशन बना लें तो चीजें आसान हो जाती हैं।

जब अपना शहर छोड़ा तो लक्ष्य फिल्मों में काम पाना ही था। नए शहर में किराया भरने के लिए जो मिला वो काम किया। एक अजीब काम भी मिला, लोगों को बैचलर्स पार्टी में ले जाना और वापस लाना। मुझे लड़कियों की कार भी चलाना होती थी। तीन महीने ये किया। जिस दिन तय किया कि अब यह काम नहीं करूंगा, उसी रात मुझे एक लड़की मिली जो किसी एक्टर को डेट कर रही थी। यह बात उसने मुझे ड्राइव करते वक्त बताई। मैं फिल्मी दुनिया में किसी को नहीं जानता था, तो मैंने वो एकमात्र नंबर उससे ले लिया। इस नंबर से मुझे मेरी राह पर चलने का मौका मिला। मेरा मानना है कि जब तक मनचाहा काम न मिले, कुछ न कुछ करते रहिए। मौके इन्हीं में छुपे होते हैं। मैंने उस एक्टर से बात की और उसकी एक्टिंग क्लासेस जॉइन कीं।

1987 में मुझे छोटे रोल मिलना शुरू हुए। सफलता क्या होती है, मुझे कई साल तक पता नहीं था। सफलता आई तो नई समस्याएं आईं। जीवन का संघर्ष कभी खत्म नहीं होता। दर्द से बचने के लिए मैं नशा करने लगा। जबकि दर्द का इलाज किया जाना चाहिए। आपमें जो गलत है, उससे भागना हमेशा दिक्कतें बढ़ाएगा। जो गलत किया है उसे स्वीकारेंगे नहीं तो खुद को कैसे संवारेंगे? ये आप पर है कि कितनी जल्दी खुद से संघर्ष शुरू करते हैं।

एक रात मैंने अपने आप से कहा- ये मैं क्या कर रहा हूं, यह तो बरबादी है। नशे ने हर चीज बर्बाद कर दी। शरीर से लेकर परिवार तक। मैंने स्वीकारा कि मैं गलत हूं, मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए। मैंने बेहतर इंसान बनने की ओर कदम बढ़ाया। इस राह पर जिससे जो मदद मिली वो बेहिचक ली। थैरेपी अपनाई, जहां मुझे खुलकर अपनी गलतियां पहचानने और स्वीकारने के लिए कहा जाता था। मैंने अपनी गलतियों को अपनाना शुरू किया। यह स्वीकार्यता ही मुझे उबार पाई।

आप जो हैं, उसे स्वीकारिए। खुद पर यकीन रखिए। सपनों के पीछे जाइए, अड़चनें आएंगी। लेकिन अंत में खुशी मिलेगी कि आपने रिस्क तो ली। जब तक जिंदा हैं, सांस ले रहे हैं खुद को याद दिलाते रहिए कि मैं कुछ भी कर सकता हूं। खुद को दोबारा मौका देना पड़े तो भी बुरा मत मानिए, इसमें देर मत कीजिए। किसी भी क्षण आप खुद को मौका दे सकते हैं, आखिर ये जिंदगी आपकी है और इसके मालिक भी आप ही हैं।


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